Hindi, Rekhta

नींद

बेखबर बेपरवाह सा तू जो सो गया है।
जाने किस खाब में अकेले खो गया है।
मैं हूं कहीं उस में? या बस तन्हाई है..
ये सेज चैन की किस तरह सजाई है?
की मेरे दिल को तो सुकून नही.. जो तू नहीं..
तूने कैसे मुझसे पहले आज शमा बुझायी है?

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